Call And Put Option In Hindi|कॉल और पुट क्या है ?

दोस्तों जय हिंद,
Options Trading कान्सेप्ट में Call And Put Option In Hindi में आप बहुत ही सरल तरह से समझेंगे कि Call और Put ऑप्शन्स क्या होता है ? Call और Put Options कॉन्ट्रैक्ट को कैसे ट्रेड किया जाता है ? इनमें क्या अंतर है ? Call और Put खरीदने और बेचने के लिए कितने पैसों की जरूरत होती है ? Call और Put Options को खरीदकर या बेचकर आप कैसे प्रॉफिट कर सकते हो ?

इन सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तारपूर्वक इस लेख में हम आगे पढ़ेंगे !

तो दोस्तों अगर आप Options में ट्रैड करते हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको Options ट्रैडिंग के कॉन्सेप्ट को समझना जरूरी है जो कि आप इस लिंक पर Option Trading In Hindi पर जाकर पढ़ सकते समझ सकते हैं और सीख सकते हैं !

दोस्तों मैं खुद भी एक Option ट्रेडर हूँ और इस ब्लॉग का लेखक भी, इसलिए Call और Put Options कॉन्सेप्ट को समझाने के लिए इस लेख को इस तरीके से तैयार किया है कि छोटे से बच्चे को भी आसानी से समझ में आ जाए तो चलिए अब समझते हैं कि call और Put Option क्या होते हैं ?

Call और Put Option क्या होते हैं ?

Call और Put Options एक कॉन्ट्रैक्ट होता है कैसा कॉन्ट्रैक्ट है आइये इसको पहले व्यावहारिक रूप में समझते हैं और फिर शेयर मार्केट के टेक्निकल भाषा में समझेंगे तो शुरू करते हैं पहले व्यावहारिक रूप में

इस कान्सेप्ट को एक क्रिकेट मैच के उदाहरण से समझते हैं मान लीजिए भारत और ऑस्ट्रेलिया का टी 20 मैच शुरू होने वाला है और ऑस्ट्रेलिया टॉस जीतकर पहला बैटिंग कर रहा है आप अपने घर पर अपने दोस्त के साथ टीवी में इस मैच को देख रहे हैं और आपका दोस्त आपसे कहता है कि आज ऑस्ट्रेलिया 20 ओवर में 150 रन से ज्यादा रन बनाएगा !

लेकिन आप कहते हो कि नहीं ऑस्ट्रेलिया 150 से ज्यादा रन नहीं बना पाएगा आप अपने दोस्त से कहते हैं चलो इसी बात पर एक शर्त लगाते हैं लेकिन इन शर्तों में कुछ कंडीशन होगी जो इस प्रकार होगी ऑस्ट्रेलिया अगर 150 रन से एक-एक रन जितना ज्यादा बनाएगा उस एक एक रन के हिसाब से मैं आपको प्रति रन 10 रुपये दूंगा !

मतलब अगर ऑस्ट्रेलिया 20 ओवर में कुल 200 रन बनाता है तो मैं तुम्हें 200 -150 = 50 x 10 = 500 रुपये दूंगा और अगर इस शर्त को मैं जीतता हूँ यानि आस्ट्रेलिया अगर 150 रन से कम बनाएँ तो तुम मुझे प्रति रन 10 रुपये के हिसाब से मत देना तुम सिर्फ मुझे 10 रुपये दे देना तो आपका दोस्त खुश हो जाता है !

अरे वाह !अगर मैं शर्त हार भी गया तो मुझे सिर्फ 10 रुपये ही देना पड़ेगा और 150 रन से ऊपर जितना भी ऑस्ट्रेलिया बनाएगा मेरा दोस्त प्रति रन 10 रुपये के हिसाब से मुझे पेमेंट करेगा ।

अब अगर As a Option Buyer आपका दोस्त का व्यू सही रहा यानि अगर ऑस्ट्रेलिया 20 ओवर में कुल 200 रन बनाता है तो आपको उसे 500 रुपये देने पड़ेंगे। इस स्तिथि में (Bullish View + CE Buy )

और अगर डाउन साइड में होगा यानि आपका दोस्त आपको कहता है कि इस मैच में ऑस्ट्रेलिया 150 रन से कम बनाएगा और आपका आपका कहना है कि ऑस्ट्रेलियाई 150 रन ज्यादा बनाएगा और अगर ऑस्ट्रेलिया ने 100 रन ही बनाता है तो आपको 150-100 = 50 x10 = 500 रुपये देना पड़ेगा इस स्तिथि में (Bearish View + PE Buy )

दोस्तों अब यहाँ पर ध्यान से समझना यंहा पर जो पहली कंडीशन है उसमें अगर आपका दोस्त शर्त को जीत जाता है तो शर्त के मुताबिक आपके दोस्त को अनलिमिटेड प्रॉफिट हो सकता है,और आपको अनलिमिटेड लॉस

दूसरी कंडीशन में अगर आपका व्यू सही होता है तो आपको सिर्फ ₹10 का ही प्रॉफिट होगा और आपके दोस्त को सिर्फ ₹10 का ही लॉस होगा।

इस प्रकार

जितना लॉस आपका होगा उतना ही प्रॉफ़िट आपके दोस्त का होगा और आप जितना प्रॉफ़िट करतें हैं उतना ही लॉस आपका दोस्त का होता है।

अब माना कि आप यहाँ पर Option Seller की भूमिका में है और आपका दोस्त Option Buyer तो इस तरह

Options Trading के अंदर Options Buyer का Loss Limited होता है और Profit Unlimited हो सकता है और इसके विपरीत Option Seller का Profit Limited और Loss Unlimited हो सकता है।

अब जो भी गतिविधियाँ इस शर्त के अंदर हुई उनको मैं आपको टेक्निकल भाषा में आपको समझाने की कोशिश करता हूँ इस शर्त में यहाँ पर कुछ चीजों को बाजार कि भाषा में समझने की कोशिश करें !

पहला आपके दोस्त का मैच को लेकर जो विश्लेषण है वह Bullish और आपका Bearish व्यू की तरफ है !

दूसरा भारत और ऑस्ट्रेलिया का टी 20 क्रिकेट मैच Underlying Asset है !

तीसरा सीमित 20 ओवर Expiry है !

चौथा टारगेट 150 रन Strick Price है !

पाँचवाँ शर्त 10 रुपये की वो Premium है !

छटवाँ आपका दोस्त Option Buyer !

सातवाँ आप Option Seller हैं !

अगर कोई ट्रैडर मार्केट की तेजी के व्यू लेकर इस में Call खरीदता है उसे Call Option Buyer और इसके विपरीत अगर कोई ट्रैडर मार्केट की मंदी के व्यू लेकर इस में Call बेचता है तो उसे Call Options Seller या Call Writer कहा जाता है। यही Call Option Contract या शॉर्ट में इसे Call Option या CE कहा जाता है।

ठीक उसी प्रकार अगर कोई ट्रैडर मार्केट की मंदी के व्यू लेकर इस में Put खरीदता है उसे Put Option Buyer और इसके विपरीत अगर कोई ट्रैडर मार्केट की तेजी के व्यू लेकर इस में Put बेचता है तो उसे Put Options Seller या Put Writer कहा जाता है। यही Put Option Contract या शॉर्ट में इसे Put Option या PE कहा जाता है।

Call ऑप्शन को Call यूरोपियन भी कहा जाता है अधिकतर इसे CE से अंकित किया जाता है और Put ऑप्शन को Put यूरोपियन भी कहा जाता है अमूमन इसे PE से दर्शाया जाता है !

शेयर मार्केट कि टेक्निकल भाषा में कहें तो-किसी भी निश्चित स्ट्राइक प्राइस पर निश्चित किए हुए समय पर जो निश्चित स्ट्राइक प्राइस पर बाजार के विश्लेषण को लेकर Buyer और Seller के बीच एक Option Contract होता है उसी Option Contract को Call और Put Option कहा जाता है !

तो दोस्तों अभी तक आपने समझा Call और Put क्या होता है ? अब इन दोनों मे अंतर समझ लेते हैं !

Call और Put ऑप्शन में अंतर

अगर शेयर मार्केट की भाषा में बात करें तेजी के बाजार में Call Options Buyers ,Call Option (CE) को खरीदता है या Call को Long करते हैं इन्हे Call Buyers भी कहा जाता है।

जबकि तेजी के बाजार में Put Options Seller,Put Option(PE) को बेचतें है या Put को Short करतें हैं इन्हे Put Writer भी कहा जाता है।

इस कान्ट्रैक्ट में Call Buyers को यह अधिकार होता है कि वह उस कान्ट्रैक्ट को खरीदेने की उस कि मर्जी होती है वह खरीदे या न खरीदे लेकिन Put Seller का दायित्व होता है कि वह उस कान्ट्रैक्ट को पूरा करे यानि उसे अगर Call Buyer जिस भी प्राइस पर खरीदता है तो Put Seller को उसे बेचना ही पड़ेगा।

और मंदी के बाजार में Put Buyer द्वारा Put Options खरीदा जाता है या Put को Long किया जाता है !

जबकि मंदी के बाजार में Put Seller द्वारा Call Option को बेचा जाता है या Call को Short किया जाता है इन्हे Call राइटर भी कहा जाता है !

इस कान्ट्रैक्ट में Put Buyers को यह अधिकार होता है कि वह उस कान्ट्रैक्ट को बेचने की उस कि मर्जी होती है वह बेचे या न बेचे लेकिन Put Seller का दायित्व होता है कि वह उस कान्ट्रैक्ट को पूरा करे,यानि उसे अगर Put Buyer जिस भी प्राइस पर बेचता है तो उसे खरीदना ही पड़ेगा।

दोस्तों यह पर न्यू ट्रैडर के दिमाग पर एक प्रश्न आ सकता है कि ऑप्शन सेलर खरीद कैसे सकता है जबकि वह तो ऑप्शन सेलर है तो कन्फ्यूज़ नहीं होना है यहाँ पर Options को खरीदने कि बात हो रही है न कि बाजार को लेकर

Options Buyers का व्यू सिर्फ बुलिश और बेयररिश के मोमेंटम पर होता है जिससे कि उसको ज्यादा से ज्यादा प्रॉफ़िट हो जबकि और Options Seller हर तरह के मार्केट से अलग अलग स्ट्रेटजीज बनाकर पैसा बना सकता है !

Call Option और Put Option में Profit और Loss कैसे होता हैं ?

Call Option और Put Option में ट्रेड लेने के लिए सबसे पहले आपको डिसाइड करना होता है आप ऑप्शन्स के प्रीमियम को बेचेंगे या खरीदेंगे यानी आप Buyer बनेंगे या Seller बनेंगे अब आपको यहाँ पर बता दूँ Options Buying में एक Lot खरीदने में बहुत ही कम पैसा लगता है लेकिन Options सेलिंग में एक लोट खरीदने में काफी पैसा लगता है !

Call Option और Put Option में Option Buyer और Option Seller दोनों का Profit और Loss कैसे बनता है इसे उदाहरण के साथ नीचे दिए गए चित्रों से समझाया गया है

Call Option Profit and Loss Scenario

तो सबसे पहले Call Option का एक उदाहरण लेते है माना कि Bank Nifty अपने करंट प्राइस या Spot Price 44400 पर चल रही है अब यहाँ अब यहां पर Call Buyer और Call Seller के पॉइंट ऑफ़ व्यू से दो अलग अलग सिनेरियो बनते हैं

Scenario No 1. (Call Buyer/CE Buy)

पहले Scenario में माना कि बैंक निफ्टी 44400 के प्राइस पर चल रहा है और आप 44400 की Strike Price पर जिसका ₹100 का प्रीमियम चल रहा है और Bank nifty के Bullish View के कारण इसे Buy करतें हैं तो आप प्रॉफ़िट और लॉस की डीटेल नीचे दिए हुए Call Buying के चार्ट को देखकर समझ सकते हैं:-

Call Buy (CE) Profit and Loss Chart

Scenario No 2. (Call Seller/CE Sell)

दूसरे Scenario में माना कि बैंक निफ्टी 44400 के प्राइस पर चल रहा है और 44400 की Strike Price पर जिसका ₹100 का प्रीमियम चल रहा है और Bank nifty के Bearish View के कारण इसे Sell करतें हैं तो आप प्रॉफ़िट और लॉस की डीटेल नीचे दिए हुए Call Selling के चार्ट को देखकर समझ सकते हैं:-

Call Sell (CE) Profit and Loss Chart

Put Option Profit and Loss Scenario

तो अब Put Option का एक उदाहरण लेते है माना कि Bank Nifty अपने करंट प्राइस या Spot Price 44400 पर चल रही है अब यहाँ अब यहां पर Put Buyer और Put Seller के पॉइंट ऑफ़ व्यू से दो अलग अलग सिनेरियो बनते हैं

Scenario No 1. (Put Buyer/PE Buy)

पहले Scenario में माना कि बैंक निफ्टी 44400 के प्राइस पर चल रहा है और आप 44400 की Strike Price पर जिसका ₹100 का प्रीमियम चल रहा है और Bank nifty के Bearish View के कारण इसे Buy करतें हैं तो आप प्रॉफ़िट और लॉस की डीटेल नीचे दिए हुए Put Buying के चार्ट को देखकर समझ सकते हैं:-

Put Buy (PE)  Profit and Loss Chart

Scenario No 2. (Put Seller /PE Sell)

दूसरे Scenario में माना कि बैंक निफ्टी 44400 के प्राइस पर चल रहा है और आप 44400 की Strike Price पर जिसका ₹100 का प्रीमियम चल रहा है और Bank nifty के Bullish View के कारण इसे Sell करतें हैं तो आप प्रॉफ़िट और लॉस की डीटेल नीचे दिए हुए Put Selling के चार्ट को देखकर समझ सकते हैं:-

Put  Sell (PE) Profit and Loss Chart

देखिये इक्विटी में कोई भी इन्वेस्टर व ट्रेडर मार्केट में प्रॉफिट के उद्देश्य से ही अपना पैसा मार्केट में इन्वेस्ट करता है और उसको प्रॉफिट तब होता है जब वह उस शेयर को कम प्राइस पर खरीद कर अधिक मूल्य में बेचता है यानी मार्केट जब बुलिश ट्रेंड में रहेगा सिर्फ तभी उसका पैसा बनेगा !

लेकिन Options में आपको इस चीज की आजादी या चॉइस मिलती है कि मार्केट किसी भी ट्रेंड में हो आप पैसा बना सकते हैं मंदी के बाजार में भी बहुत कम फंड और बहुत कम समय में आप बहुत पैसा बना सकते हो यही Options Trading की यही एक सबसे बड़ी खूबी है लेकिन ध्यान रहे रिस्क भी बहुत है अगर बिना सीखे किया तो

अब जैसे माना कि किसी महीने में रिलायंस का शेयर 2000 प्राइस पर चल रहा है और आपने इसके 10 शेयर खरीदे टोटल 2000 x 10 = ₹20,000 आपका पैसा इन्वेस्ट हुआ और अगर शेयर की कीमत महीने के लास्ट बृहस्पति वार

(यहाँ पर महीने के लास्ट बृहस्पति वार वाली कन्डिशन एक इग्ज़ैम्पल के तौर पर लिया है ताकि ऑप्शन कान्टैक्ट की तुलना कर सकें)

को 2000 से बढ़कर 2060 हो जाता है तो आपका प्रॉफिट 60 x10 = ₹600 बनता है यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है कि ऑप्शंस Trading में हर इंडेक्स और शेयर का अलग-अलग लॉट साइज होता है

आप सिंगल एक शेयर को बाय या सेल नहीं कर सकते रिलायंस में इसका 250 का एक लॉट होता है बट अगर आप अब रिलायंस के Options में ट्रैड करना चाहते है तो इसका एक उदाहरण से समझते हैं

माना कि रिलायंस का शेयर प्राइस 2000 पर चल रहा है और आप को लगता है कि रिलायंस यहाँ से ऊपर जाएगा तो उस स्थिति में आप अगर Options की 2000 वाली Strike Price पर इसका Call Options Buy करते हैं जिसका कि Call Option का Premium 40 रुपये चल रहा है !

तो आप 40 x 250=10,000 में इसे खरीदेंगे और एक्सपाइरी डेट यानि शेयर की कीमत महीने के लास्ट बृहस्पति वार तक इस Share का स्पॉट प्राइज 2060 हो जाता है तो Expiry पर आपका प्रॉफिट इस प्रकार बनेगा

(Spot Price-Strike Price)-Premium =Profit x Lot Size

(2060-2000)-40 = 60-40 =20

तो आपका प्रॉफ़िट 20 x 250= 5000 हुआ

तो इस प्रकार देखा आपने जहां इक्विटी में आपको इसी प्राइस पर 20,000 रुपये लगा और प्रॉफ़िट भी बहुत कम 600 रुपये ही हुआ वही ऑप्शन में 10000 रुपये लगा और प्रॉफ़िट भी बहुत ज्यादा 5000 रुपये हुआ !

दोस्तों इसीलिए आज कल Options Buying का क्रेज बहुत ज्यादा है और तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि Options बाइंग में इन्वेस्टिंग व Trading करके इसमें बहुत कम पैसों में बहुत कम समय में बहुत सारा पैसा कमाया जा सकता है लेकिन Options कॉन्सेप्ट का सही से ज्ञान नहीं होने के कारण 90 परसेंट लोग इसमें लॉस खाते हैं कुछ दिन पहले एक चौंकाने वाली रिपोर्ट SEBI ने दी थी कि Options बाइंग के अंदर 90% लोग लॉस में है !

यह Options कॉन्सेप्ट काफी ट्रिकी होता है और काफी लॉस खाने के बाद सालों बाद धीरे धीरे यह कॉन्सेप्ट समझ में आता है तब जाकर कहीं वे Pro प्रॉफिटेबल ट्रेडर बनते हैं Options कॉन्सेप्ट के अंदर काफी कैल्कुलेशन्स होती है जिसके कारण लोग इसको समझने की कोशिश नहीं करते और लोग सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस सीखकर

जैसे कि चार्ट पैटर्न,कैंडलस्टिक की साइकोलॉजी,काफी सारे इंडिकेटर, सपोर्ट और रेजिस्टेंस पर ही ट्रेड करते हैं, अब मैं ऐसा नहीं कह रहा कि टेक्निकल अनैलिसिस करने वाले ट्रेडर प्रॉफिटेबल नहीं है लेकिन अगर आप Options कॉन्सेप्ट को भी समझ गए तो आपका प्रॉफिटेबल ट्रेडर का परसेंटेज बहुत ज्यादा इन्क्रीज़ हो जाएगा और साथ में रिस्क मनेजमेंट,मनी मंजमेंट, Trading साइकोलॉजी को सीखना भी बहुत जरूरी है !

Options कॉन्सेप्ट में तरह तरह के अन्य कान्सेप्ट होते हैं जैसे कि Options Chain,Option Greeks,PCR, Lond Build Up,Short Build Up,Long Unwinding,Short Covering, Future Chart,Options Chart,India Vix इसके अलावा भी बहुत सारे Options स्ट्रैटिजीज का कॉन्सेप्ट है इन सभी के बारे में गहराई से जानकारी होना बहुत ज़रूरी है जो कि

मैं आपको इस वेबसाइट पर विस्तारपूर्वक देता रहूँगा क्योंकि इन सभी कॉन्सेप्ट के बारे में ना तो किसी ब्लॉग ना तो किसी किताब और न ही किसी यूट्यूब चैनल पर विस्तारपूर्वक से समझाया गया है इस कॉन्सेप्ट को समझने के लिए एक Options ट्रेडर को काफी समय लग जाता है मैं खुद एक Options ट्रेडर हूँ और मैं Options Sellingऔर Options Buying दोनों में Trade करता हूँ !

मुझे भी इस कॉन्सेप्ट को समझने में काफी समय लग गया था मैं भी वही पुराने मेथड चार्ट पैटर्न आदि को देख व समझ कर ट्रेड कर रहा था और Options कॉनसेप्ट का पूरा नॉलेज नहीं होने के कारण बहुत सारी गलतियाँ कर रहा था जिसके कारण मैंने भी बहुत लॉस किया। इन लॉस के कारण ही में ये सारी चीजे सीख पाया !

FAQ- Call And Put Option In Hindi|कॉल और पुट क्या है ?

कॉल ऑप्शन को कब खरीदते हैं ?

जब मार्केट तेजी में हो तब कॉल ऑप्शन खरीदा जाता है।

पुट ऑप्शन को कब खरीदते हैं ?

जब मार्केट मंदी में हो तब पुट ऑप्शन खरीदा जाता है।

स्ट्राइक प्राइस क्या होती है ?

स्ट्राइक प्राइस बायर और सेलर को वह अधिकार व दायित्व देती है वे आपस में Call और Put Option के कॉन्ट्रैक्ट को खरीद और बेच सकते हैं।

ऑप्शन बायर कौन होते हैं ?

ऑप्शन बायर पुट और कॉल के ऑप्शंस को खरीदने का अधिकार लेते हैं।

ऑप्शन सेलर कौन होते हैं ?

कॉल और पुट के ऑप्शंस के कान्ट्रैक्ट को बेचने का अधिकार लेते हैं।

तो दोस्तों ये थी Call And Put Option In Hindi में जानकारी मुझे पूरा यकीन है अगर इस ब्लॉग को आपने ध्यान पूर्वक पढ़कर समझ लिया होगा आशा करता हूँ कि आपको अच्छा लगा होगा और काफी कुछ सीखने को मिला होगा अगर अच्छा लगे तो जो लोग ऑप्शन ट्रेनिंग के बारे में सीखना चाहते हैं उन्हें आप इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें।

ऑप्शंस ट्रैडिंग के बारे में विस्तृत जानकारी|Option Trading In Hindi

ऑप्शन चैन के बारे में विस्तृत जानकारी|Option Chain In Hindi

ऑप्शन ट्रेडिंग के नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी|Option Trading Rules In Hindi

ऑप्शन ट्रेडिंग साइकोलॉजी के बारे में विस्तृत जानकारी|Option Trading Psychology In Hindi

ऑप्शनस स्ट्राइक प्राइस के बारे में विस्तृत जानकारी|Options Strike Price In Hindi

धन्यवाद ! जय हिन्द “भारत माता की जय”

दोस्तों जय हिन्द, मैंने अपने जीवन के महत्वपूर्ण 22 साल एक सैनिक के तौर पर देश सेवा में दिए हैं और सैनिक जीवन से ही मुझे लेखन ,डिजिटल मार्केटिंग और शेयर मार्केट में काफी रुचि रही है। मेरी सैनिक प्रतिज्ञा रहेगी कि इस वेबसाईट के माध्यम से मैं आप लोगों तक शेयर मार्केट से संबंधित बिल्कुल सही और उपयोगी जानकारी देता रहूँगा। धन्यवाद! "भारत माता की जय"

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